खुशखबरी! किसानों के लिए आएगी नई योजना, कृषि मंत्री ने कहा- सरकार कर रही काम
New Scheme for Farmers: कृषि मंत्री ने कहा, केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को कृषि उपज, दूसरे राज्यों और बाजारों तक पहुंचाने में मदद करने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही हैं.
New Scheme for Farmers: केंद्र सरकार किसानों की मदद के लिए नई योजना पर काम कर रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा की कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को कृषि उपज, दूसरे राज्यों और बाजारों तक पहुंचाने में मदद करने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही हैं. एक सरकारी बयान के अनुसार, गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकनॉमिक्स (एईआरसी) के हीरक जयंती कार्यक्रम के अवसर पर सिंह ने कहा, केंद्र सरकार किसानों के उत्पादों को दूरदराज के स्थानों तक पहुंचाने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है.
प्राकृतिक खेती समय की मांग
मंत्री ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि क्षेत्र का योगदान 18% है, और सरकार इस क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए कई चीजों पर काम कर रही है. उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग पर जोर दिया और कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने की बात कही. उन्होंने कहा, समय की मांग प्राकृतिक खेती (Natural Farming) की ओर बढ़ना है, और हमें इसे पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाना होगा.
ये भी पढ़ें- PM Kisan: बंद है मोबाइल नंबर तो नहीं मिलेगा 19वीं किस्त का पैसा, यहां फटाफट करें अपडेट
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को नदी जोड़ो परियोजना के शुभारंभ से किसानों को फायदा मिलेगा. चौहान ने कम पानी में अधिक सिंचाई करने की तकनीक विकसित करने का आह्वान किया. मंत्री ने कहा कि प्रयोगशाला के काम को खेतों तक पहुंचाने की जरूरत है और शोधकर्ता सिर्फ प्रयोगशाला तक ही सीमित न रहें. चौहान ने कहा कि इस खाई को पाटने के लिए डीडी किसान चैनल पर 'आधुनिक कृषि चौपाल' नामक एक टेलीविजन कार्यक्रम शुरू किया गया है. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां किसान, शोधकर्ता और वैज्ञानिक एक साथ बैठते हैं और कृषि क्षेत्र की समस्याओं और नए अवसरों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृषि क्षेत्र से संबंधित जानकारी केवल अंग्रेजी भाषा तक सीमित नहीं रहनी चाहिए और इसे विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित किया जाना चाहिए ताकि प्रयोगशालाओं और खेत के बीच की दूरी को पाटा जा सके.
ये भी पढ़ें- किसानों को नए साल का तोहफा, इस सरकार ने 24 फसलों को MSP पर खरीदने की दी मंजूरी
01:27 PM IST